केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के बीच जारी घमासान के बीच एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह ऑडियो बीजेपी के दो वरिष्ठ नेताओं कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय के बीच हुई बातचीत का बताया जा रहा है। जिसमें CBI के ज़रिए अधिकारियों को डराने की बात कही जा रही है।
इस ऑडियो क्लिप को पहली बार अक्टूबर 2018 में बंगाली अख़बार आनंद बाजार पत्रिका ने प्रकाशित किया था। जिसमें मुकुल रॉय कैलाश विजय वर्गीय से कहते हैं कि ”चार IPS हैं, उनपे CBI को थोड़ा नज़र डालना होगा। इसमें अगर एक बार ध्यान देंगे, तो यह IPS लोग डर जायेंगे”।
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अखबार के मुताबिक, इसमें एक आवाज़ स्पष्ट रूप से भाजपा के अखिल भारतीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की आवाज से मिलती है। जबकि अन्य व्यक्ति मुकुल रॉय माने जा रहे हैं। अख़बार ने इस बात का दावा भी किया है कि मुकुल रॉय ने कैलाश के साथ हुई उनकी इस बातचीत को स्वीकारा है।
हिंदी में हो रही इस बातचीत में विजयवर्गीय मुकुल रॉय से पूछते हैं कि क्या वह अध्यक्ष से कुछ कहना चाहते हैं क्योंकि वे जल्दी ही मिलने वाले हैं। इस पर रॉय ने बिना नाम लिए चार आईपीएस अधिकारियों पर नज़र रखने की बात कही और कहा कि इससे बंगाल के आईपीएस कैडर में डर पैदा होगा।
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इस ऑडियो क्लिप को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “बंगाल के बीजेपी प्रभारी महामंत्री और बंगाल के भाजपा नेता का टेलिफ़ोन पर वार्ता सुनिये जिसमें ये नेता बंगाल के IPS अधिकारियों को कैसे CBI और ED, Incomtax से परेशान कराया जाए यह तय कर रहे है वैसे यही हाल ग़ैर भाजपाई सभी प्रदेशों का है”।
बंगाल के @BJP4India प्रभारी महामंत्री
और
बंगाल के भाजपा नेता का टेलिफ़ोन पर वार्ता सुनिये जिसमें ये नेता
बंगाल के I P S अधिकारियों को कैसे
CBI और ED,Incomtax से परेशान कराया जाय यह यह तय कर रहे है
वैसे यही हाल
ग़ैर भाजपाई सभी प्रदेशों का है pic.twitter.com/3KQP0jP5Wc— Akhilesh P. Singh (@AkhileshPSingh) February 5, 2019
ग़ौरतलब है कि सारदा चिटफंड मामले में रॉय मुख्य आरोपियों में से एक हैं। वह टीएमसी के पूर्व नेता होने के साथ कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में रेलवे मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, 2017 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया, जिसके बाद से CBI उनसे पूछताछ नहीं कर रही है।