नरेंद्र मोदी हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आए थें। कार्यकाल खत्म होने वाला है। लगभग साढ़े चार साल हो चुके हैं। अब तक 10 करोड़ रोजगार मिल जाना चाहिए।

लेकिन खबर आ रही है कि साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा थी।

न्यूज 24 की पत्रकार साक्षि जोशी ने बेरोजगारी के इन आंकड़ों ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है ’45 साल में जो न हुआ वो 4.5 साल में हो गया। वाह मोदी जी वाह’

साक्षि जोशी की बात सही भी है। वादे के मुताबिक हर साल दो करोड़ रोजगार मिलना चाहिए था, लेकिन यहा उल्टा बेरोजगारी दर ने पिछले 45 साल का रिकार्ड तोड़ दिया।

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बता दें कि बिजनेस स्टैंडर्ड ने स्टैंडर्ड राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की पीएलएफएस की एक रिपोर्ट का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा थी।

यानी 1972 के बाद देश में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इस रिपोर्ट को दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी लेकिन सरकार ने रिपोर्ट को जारी नहीं किया।

गत सोमवार यानी 28 जनवरी को सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने भी इस्तीफा देते हुए सरकार पर यही आरोप लगाया था। इनका कार्यकाल 2020 में खत्म होने वाला था।

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लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष पीसी मोहनन और सदस्य जेवी मीनाक्षी ने मोदी सरकार पर ये आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया की रोज़गार और जीडीपी के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं।

सरकार के अंतरिम बजट से कुछ दिन पहले और लोकसभा चुनाव के कुछ महीने हुए इस खुलासे से बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है। विपक्षी दल पर पहले से ही रोजगार के आंकड़ों को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

1 COMMENT

  1. रोजगार तो नहीं मिला पर यह बताओ आप को कितने पैसे मिला
    मोदी जी ने युवा वर्ग के लिए कुछ भी नहीं किया चैनल को पैसा देते रहे अपना नाम कमाते रहे

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