BJP को अपने ही एक वरिष्ठ नेता की बात इतनी नागवार गुजरी कि उसने नेता की 30 साल की वफ़ादारी को मिट्टी में मिला दिया।

यूपी के आज़मगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता आईपी सिंह को BJP ने छः साल के लिए पार्टी ने निष्काषित कर दिया है। सिंह ने सपा अखिलेश यादव को अपने घर निमंत्रित किया था। बीजेपी इसी बात से आईपी सिंह से खफा थी।

भाजपा से निकले जाने के बाद आईपी सिंह ने ट्वीट कर बीजेपी पर तीखा हमला किया. उन्होंने लिखा, “दो गुजराती ठग मोदी और अमित शाह भाजपा को डुबाने करने की मुहिम को आगे बढ़ा रहे है।

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उन्होंने आगे लिखा है, “हिंदी भाषी राज्यों की जनता अब इनके मोहफास में आने वाली नहीं है। भाजपा की जगह गुजरात की पार्टी हो गई है। जनता पांच साल का हिसाब चाहती है।”

आईपी सिंह एबीवीपी से लखनऊ विश्वविद्यालय से महामंत्री और भाजपा सरकार ने मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में सिंह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता थे। उन्होंने आगे कहा कि, “दो गुजराती ठग हिंदी बेल्ट और हिंदी बोलने वालों पर कब्ज़ा करके पांच साल से बेवकूफ बना रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री चुना था या प्रचारमंत्री? अपने अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से देश का प्रधानमंत्री क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है?”

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वहीँ बीजेपी के नेतृत्व पर लगातार कई ट्वीट करते हुए आईपी सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आज़मगढ़ से चुनाव लड़ने का स्वागत करते हुए कहा था कि, “मुझे खुशी होगी कि अगर मेरा घर भी आपका चुनाव कार्यालय बने।” इसी के चलते बीजेपी ने आईपी सिंह पर कार्रवाई की है।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ कैम्पेन के अंतर्गत सभी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने नाम से पहले चौकीदार लगा लिया है। लेकिन इसके विपरीत आईपी सिंह ने अपने नाम से पहले ‘उसूलदार’ लगाया है।

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