कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने एयरफ़ोर्स के चीफ पर कोर्ट में झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय और वायुसेना प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भी शामिल करना चाहते थे।

उस वक्त वायुसेना प्रमुख ने दसौल्ट के साथ मिलकर एचएएल का दौरा भी किया और पाया कि वह विमान बनाने में सक्षम है। मुझे लगता है कि वायुसेना प्रमुख सही नहीं हैं, वह झूठ बोल रहे हैं और सच को छुपा रहे हैं।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में राफेल की पिछली सुनवाई के दौरान भारतीय वायु सेना की ओर से एयर वाइस मार्शल चलपति सुप्रीम कोर्ट एयरफ़ोर्स का पक्ष रखने पहुंचे थे।

इसके बाद एयर वाइस मार्शल चलपति से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सवाल करते वायु सेना में शामिल हुए नए जंगी जहाजों के बारे में पूछा।

जिसके जवाब में एयर वाइस मार्शल चलपति ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में सुखोई-30 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। साथ ही वायु सेना को 4 प्लस जनरेशन के जंगी जहाजों की जरूरत है इसी कारण राफेल को चुना गया है।

बता दें कि वायुसेना के प्रमुख बीएस धनोआ ने बुधवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि देश में युद्धक विमान राफेल पर हो रही राजनीति का बुरा असर कहीं देश की सैन्य तैयारियों पर न पड़े।

राफेल के आने में देरी का जिक्र करते हुए उन्होंने देश को एक बार फिर चेताया है कि पड़ोसी मुल्कों ने अपने युद्धक विमान अपग्रेड कर लिए हैं और हमें अभी तक इनके मिलने का इंतजार है

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