रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से कोर्ट के आदेश में छेड़छाड़ करने के मामले में सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में कारोबारी अनिल अंबानी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चल रहा है। जांच में पाया गया है कि इस केस से जुड़े एक आदेश के साथ कोर्ट में कार्यरत दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रबर्ती ने छेड़छाड़ की है।

जज ने सुनवाई के दौरान अंबानी को कोर्ट में मौजूद रहने के आदेश दिए थे। लेकिन रजिस्ट्रार ने आदेश लिखने में गलती की। जिसके बाद गलत आदेश 7 जनवरी को सार्वजनिक किया गया, जिससे यह संदेश गया कि अंबानी को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होने से राहत मिल गई है।

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इस मामले की शिकायत जस्टिस रोहिंगटन एफ नरीमन ने की थी। वह अनिल अंबानी के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस नरीमन ने शिकायत की थी कि अधिकारियों ने उनके स्टेटमेंट को शामिल किए बिना आदेश को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। मामले की जांच में दोनों अधिकारी दोषी पाए गए।

आदेश में ग़लती का मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने संशोधित आदेश 10 जनवरी को जारी किया। संशोधित आदेश के बाद, 12 और 13 फरवरी को अनिल अंबानी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे। इस मामले की जस्टिस आरएफ नरीमन और विनीत सरन की दो सदस्यीय बेंच सुनवाई कर रही है।

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर को आरकॉम को कहा था कि वह एरिक्सन कंपनी को 15 दिसंबर तक 550 करोड़ रुपए की बकाया राशि का भुगतान करे। अगर रकम चुकाने में देरी होती है तो सालाना 12% ब्याज भी देना होगा।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा करने में नाकाम रहने पर एरिक्सन कंपनी ने अवमानना याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका पर अनिल अंबानी को नोटिस जारी कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था।

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