उत्तर प्रदेश में भैंस-बकरी चोरी होने पर रिपोर्ट दर्ज कर ली जाती है। मगर एक लॉ की छात्रा जो चीख चीखकर कह रही है उसके साथ यौन शोषण हुआ तो भी यूपी पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है। इसके पीछे की वजह साफ़ है आरोपी स्वामी चिन्मयानंद का बीजेपी नेता होना वो भी ऐसा नेता जो राष्ट्रीय सेवा संघ से मान्यता प्राप्त हो, तो ऐसे में इतनी जल्दी रिपोर्ट कैसे दर्ज की जा सकती है।
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ की छात्रा ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने एसआईटी गठित कर दी अब यूपी पुलिस ने बल्कि एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। मगर यूपी पुलिस ने इस मामले में कोई कदम उठाने से कतरा रही है।
चिन्मयानंद की जगह कोई मौलाना होता तो ये भक्त पत्रकार सवाल भी पूछते और मुहीम भी चलाते
यही वजह है कि स्वामी चिन्मयानंद अभी भी आज़ाद है। जिसके खिलाफ पीड़िता खुद इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची और चिन्मयानंद की गिरफ़्तारी की गुहार लगाई। साथ ही ये भी कह दिया कि अगर स्वामी चिन्मयानंद पर FIR नहीं दर्ज होती है तो मैं आत्महत्या कर लूगीं।
पीड़िता ने कहा कि उसने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज करवा था। तब उसके खिलाफ रिपोर्ट क्यों नहीं लिखी जा रही है बीते सोमवार को चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने कोर्ट में धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था।
करीब साढ़े चार घंटे तक छात्रा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए करीब 20 पेज में बयान दर्ज कराए थे। मगर इसके बाद भी यूपी पुलिस की तरफ से कोई भी तेजी नहीं दिखाई जा रही है और ना ही स्वामी को गिरफ्तार किया गया।
आज़म पर बकरी चुराने का मुकदमा लिखने वाली UP पुलिस ‘चिन्मयानंद’ पर FIR क्यों नहीं कर रही है?
बता दें कि इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी अपना काम कर रही है। वहीं बीते शुक्रवार को एसआईटी ने आरोपी चिन्मयानंद का आश्रम भी सीज़ कर दिया था। वहीं एसआईटी ने यूपी पुलिस से भी यौन शोषण केस से जुड़े सवाल पूछे थे। मगर गिरफ़्तारी क्यों नहीं हो पा रही है इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है।