‘जो शहीद हुए उनकी ज़रा याद करो क़ुरबानी’ ये लाइन एक गाने का हिस्सा है जिसे लता मंगेशकर ने गाया था मगर अब ज़माना शहीद को याद करने का नहीं बल्कि शहीदों को अपमान करने वाला आ गया है। भले ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गाना सैनिकों के लिए था। मगर इस गाने में हर उस शहीदों को नमन किया गया था जो अपनी जान दे देते हैं मगर अपने कर्तव्यों का पालन करने पीछे नहीं हटते।
मगर जब शहीदों की शहादत का ही मजाक बनाया जाने लगे तो समझ जाना चाहिए कि देश कितना बदल रहा है और कितना आगे बढ़ रहा है। पिछले साल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दंगाइयों की भीड़ का शिकार हुए पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की शहादत का बीते शनिवार खुलेआम मजाक बना दिया गया।
दरअसल बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव और रोहित राघव शनिवार को कोर्ट से जमानत लेकर जैसे ही जेल से बाहर आए, हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत करने लगे।
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इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाए गए। शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं। जबकि उपेंद्र सिंह राघव अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभाग अध्यक्ष हैं।
घटना से पहले वह विश्व हिंदू परिषद के विभाग अध्यक्ष रह चुके थे। इस दौरान पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आरोपियों को फूलों की माला पहनाई जा रही है। कुछ लोग वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं और कुछ लोग आरोपियों के साथ फोटो खिचवा रहे हैं।
#WATCH Bulandshahr: Six accused persons in the #BulandshahrViolence case in which Inspector Subodh Kumar was killed last year, were welcomed with garlands after they were released on bail, yesterday. pic.twitter.com/PtuR2eHBsh
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2019
फूलों की माला और सेल्फी लेने का कोई ये पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिन्हा ने लिंचिंग के आरोपों में लिप्त आरोपियों को माला पहनाकर साथ फोटो भी खिचवाई थी। जब बवाल मचा तो उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करता है और हम अपना काम करते है मैंने अगर उनका स्वागत किया तो कुछ गलत तो किया नहीं।
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बता दें कि पिछले साल तीन दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी गांव में गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर ह त्या कर दी गई थी। बदमाशों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था।
इस मामले में यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर 38 लोगों को जेल भेजा था। 38 में से 6 आरोपी साढ़े सात महीने के बाद जेल से जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले थे।