लोकसभा चुनाव के चार चरणों के मतदान के बाद अब BJP के कट्टर समर्थकों को भी नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद नज़र नहीं आ रही। उन्हें अब ये डर सताने लगा है कि अगर मोदी दोबारा पीएम नहीं बनें तो उनका क्या होगा।

ऐसे ही कट्टर समर्थकों में एक नाम उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिज़वी का है। जिन्हें अब पीएम मोदी की कुर्सी खिसकती नज़र आ रही है। वह इस बात से इस कदर डरे हुए हैं कि उन्होंने ये घोषणा कर दी है कि अगर मोदी दोबारा पीएम नहीं बनें तो वह ख़ुदकुशी कर लेंगे।

उन्होंने कहा, ‘अगर 2019 में नरेंद्र मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री नहीं बने तो मैं अयोध्या में राम मंदिर के गेट के पास जाकर आत्महत्या कर लूंगा’। उन्होंने दावा किया कि कट्टरपंथी उन्हें इस बात की धमकी देते हैं कि मोदी सरकार के जाने के बाद उन्हें जान से मार दिया जाएगा।

वसीम रिजवी ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि देशप्रेमियों में नरेंद्र मोदी के लिए मोहब्बत है तो गद्दारों में खौफ है। वह देश के कुशल प्रधानमंत्री हैं।

उन्होंने देश की अकसरियत को देशद्रोही बताते हुए कहा कि अगर 2019 में किसी और सियासी दल का नेता देशद्रोहियों की मदद से प्रधानमंत्री बन जाता है तो मैं अयोध्या में राम मंदिर के गेट पर जाकर ख़ुदकुशी कर लूंगा क्योंकि देशद्रोहियों के हाथों मरने से अच्छा है, इज्जत की मौत मरना।

ग़ौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को महज़ 31 फीसद लोगों ने ही चुना था। वसीम रिज़वी के बयान को मान लिया जाए तो जिन लोगों ने एनडीए के सिवा दूसरी पार्टियों को वोट दिया, वो देशद्रोही हुए। हो सकता है वसीम रिज़वी ने राष्ट्रवाद की परिभाषा बीजेपी के दफ्तर में ही पढ़ी हो, जहां राष्ट्रवाद का मतलब बीजेपी को वोट करना होता है!

लेकिन देश का संविधान लोकतंत्र की बात करता है, जहां अपने पसंद के उम्मीदवार और पार्टी को चुनना ही राष्ट्रवाद है। यह तो साफ़ है कि वसीम रिज़वी ने जो बयान दिया है वो असंवैधानिक है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान को लेकर उनके खिलाफ़ क्या कार्रवाई की जाएगी?

बता दें कि वसीम रिज़वी पिछले एक साल से राम मंदिर मुद्दे पर बयानबाजियों को लेकर चर्चा में हैं। वसीम रिजवी बाबरी मस्जिद को शिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर ही बनाने और मस्जिद अलग शिफ्ट करने से लेकर मदरसों में आतंकी फंडिंग, इस्लामिक झंडे आदि को लेकर काफी मुखर रहे हैं। विरोधियों का आरोप है कि सीबीआई जांच से बचने के लिए वसीम रिजवी ऐसा कर रहे हैं।

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