बीते दिनों किसान आंदोलन के समर्थन में विदेशी हस्तियों द्वारा ट्विटर पर जिस तरह से प्रतिक्रिया जाहिर की गई है। उसके बाद भारत सरकार की बौखलाहट साफ तौर पर नजर आने लगी है।
दरअसल भारत सरकार ने अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को अपने प्लेटफार्म से लगभग 1200 ट्विटर हैंडल को हटाने के लिए कहा था। जिसे मानने से ट्विटर ने इंकार कर दिया है।
बताया जाता है कि सरकार के मुताबिक, यह ट्विटर हैंडल पाकिस्तानी समर्थित, खालिस्तानी समर्थित और विदेशों से चलाए जा रहे थे। जिनके जरिए भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर भ्रामक खबरें फैलाई जा रही थी। जिससे भारत के लोग भड़क रहे थे।
अब इस मामले में ट्विटर की तरफ से जवाब सामने आया है। सोशल मीडिया कंपनी ने भारत सरकार के इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है।
ट्विटर का कहना है कि यह आदेश भारतीय कानूनों के अनुरूप नहीं है। वह इन ट्विटर अकाउंट्स को पूरी तरह हटाने की जगह भारत में उनका एक्सेस पर रोक लगा सकते हैं।
इस संदर्भ में ट्विटर द्वारा एक ब्लॉग भी लिखा गया है। जिसमें सोशल मीडिया कंपनी ने भारत सरकार को संबोधित करते हुए बताया है कि उन्होंने इस मामले में क्या-क्या कदम उठाए है।
दरअसल भारत की सरकार ने किसान आंदोलन मामले में विदेशी हस्तियों द्वारा किए गए ट्वीट्स के बाद ट्विटर से स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए कहा है।
अगर ट्विटर द्वारा ऐसा नहीं किया जाता। तो सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी पर एक्शन लेने की चेतावनी भी दी है।
इसके विपरीत ट्विटर द्वारा भारत सरकार को जवाब में कहा गया है कि ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच और एक्सप्रेशन’ के तहत हम किसी भी न्यूज़ मीडिया संस्थान, पत्रकार, एक्टिविस्ट या नेता के अकाउंट के खिलाफ एक्शन नहीं ले सकते। ऐसा करके हम भारतीय कानूनों के तहत मिले उनकी अभिव्यक्ति के मूल अधिकार पर रोक लगाने का काम करेंगे।