Times Now
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देश का मेन स्ट्रीम मीडिया किस कदर दोहरे चरित्र का हो गया है, इसकी एक और बानगी तब देखने को मिली जब अंग्रेज़ी चैनल टाइम्स नाउ ने अमेरिका में बच्चों के प्रदर्शन में शामिल होने की जमकर तारीफ़ कर डाली। इससे पहले इसी चैनल ने शाहीन बाग़ में सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले बच्चों को गलत बता दिया था।

साल की शुरुआत में जब शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे, तब इस प्रदर्शन में बड़ी तादाद में बच्चे भी शामिल हुए थे। इन बच्चों ने उस वक़्त अपनी मांगों को रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की थी। बच्चों का इस तरह प्रदर्शन में शामिल होना और सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी करना टाइम्स नाउ को ग़लत लगा था।

तब चैनल ने ये आरोप लगाया था कि प्रदर्शन में बच्चों का इस्तेमाल किया का रहा है, जिसपर रोक लगनी चाहिए। चैनल ने इसको लेकर उस वक़्त ‘स्पेर द किड्स’ नाम का एक हैशटैग भी चलाया था। लेकिन अब इसी चैनल को अमेरिकी प्रदर्शनों में बच्चों के शामिल होने पर कोई ऐतराज़ नहीं है, बल्कि वो इसकी तारीफ़ करता नज़र आ रहा है।

6 जून को टाइम्स नाउ ने अपने पोर्टल पर अमेरिका में जारी प्रदर्शनों को लेकर एक स्टोरी प्रकाशित की। इस स्टोरी में एक अश्वेत बच्ची के उस वायरल वीडियो का ज़िक्र किया गया जिसमें वो प्रदर्शन के दौरान ‘नो जस्टिस, नो पीस’ के नारे लगाती नज़र आ रही है। यानी वो प्रदर्शन करते हुए सरकार को साफ चेतावनी दे रही है कि जब तक इंसाफ़ नहीं होगा, तब तक शांति नहीं हो सकती।

शांति की कीमत पर इंसाफ़ की मांग करने वाली इसी बच्ची की चैनल ने जमकर तारीफ़ की है। चैनल का मानना है कि जब इस तरह की आवाज़ बच्चों की तरफ से उठती है तो वो बहुत असरदार होती है, जिसे पूरी दुनिया सुनती है। अब यहां सवाल ये है कि बच्चों कि इसी असरदार आवाज़ को आखिर चैनल शाहीन बाग़ में क्यों दबा देना चाहता था? चैनल क्यों नहीं चाहता था कि भारत के बच्चों की आवाज़ पूरी दुनिया सुने?

चैनल के इसी दोहरे चरित्र पर पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर ने कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “Aww! टाइम्स नाउ ने शाहीन बाग विरोध के दौरान एक हैशटैग #SpreTheKids चलाया। अब वे अमेरिका में #NoJusticeNoPeace के नारे लगाने के लिए छोटी बच्ची की प्रशंसा कर रहे हैं। क्यूट है ना?”

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