डॉक्टर पायल तड़वी ने 22 मई को आत्महत्या करली थी. पुलिस के हिसाब से उन्होनें ऐसा अपने साथ हो रहे जातिवादी भेद-भाव के कारण किया था. अब इस आरोप को सही साबित करने के लिए पायल का मोबाइल ही सबूत बनकर सामने आया है.

मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर पायल तड़वी के मोबाइल फ़ोन में से उनके सुसाइड नोट की फोटो मिली है. ये वही सुसाइड नोट है जो अब तक लापता था. इस नोट में पायल की तीन सीनियर्स का नाम है जिनपर उनके साथ जातिवादी भेद-भाव करने का आरोप लगा है.

दरअसल, पायल ने आत्महत्या करने से पहले इस नोट को लिखा था और फिर उसकी तस्वीर अपने फ़ोन में खींच ली थी. forensic टीम का कहना है की पायल इस तस्वीर को अपनी माँ को भेजना चाहती थीं और किसी कारणवश उन्होनें अपना फैसला बदल लिया. पायल ने आत्महत्या करने से पहले अपनी माँ से फ़ोन पर बात करते वक़्त बताया था कि काम पर उनका उत्पीड़न किया जाता है.

पुलिस का कहना है कि तीन में दो अभियुक्तों ने डॉक्टर पायल तड़वी के कमरे में तीन मिनट बिताए थे. हो सकता है कि उन्होनें ही वो सुसाइड नोट ग़ायब किया हो. इसके बावजूद पायल के मोबाइल में उस नोट की तस्वीर की वजह से मामले को एक नया एंगल मिल गया है. इस नोट से साफ़ हो जाता है की उनपर किस तरह से मानसिक दबाव बनाया गया था.

पायल की आत्महत्या का आरोप उनकी तीन सीनियर्स पर लगा है जिन्हें मई में ही हिरासत में लिए जा चुका है. अब सवाल है कि आखिर सुसाइड नोट किसने ग़ायब किया और वो कहाँ है?

इस मामले में पूरी जांच होनी अभी बाकी है. फिर भी इससे ये समझा जा सकता है कि लोग चाहे शिक्षित ही क्यों ना हो जाए, जाती नाम की बीमारी से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल है. जातिवादी व्यवस्था देश के विकसित शहरों और पढ़े-लिखे तबके में भी उतनी ही मौजूद है जितना की एक छोटे से गांव में.

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