सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद से बीजेपी- RSS के कार्यकर्ताओं का राज्य में हिंसक प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और कई लोगों के साथ मारपीट की गई।  

बीजेपी- RSS के कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन में महिला पत्रकारों और पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया।

ख़बर यह भी है कि प्रदर्शन के दौरान RSS के कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने को बम से उड़ाने की कोशिश भी की। आरोप है कि RSS के कार्यकर्ताओं ने तिरुवनंतपुरम में नेदुमंगद पुलिस स्टेशन पर बम फेंका।

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस मामले में संघ के चार कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसमें संघ प्रचारक नूरानंद प्रवीण का नाम भी शामिल है। बताया जा रहा है कि बम थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों पर फेंका गया था। आरोपियों का इरादा पुलिस को बम से उड़ाने का था।

इस मामले के सामने आने के बाद वामपंथी ऐक्टिविस्ट और जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि संघ का नेता पुलिस स्टेशन पर बम फेंकता है, लेकिन उसे आतंकी नहीं कहा जाता और न ही उसे मौत की सज़ा देने की मांग की जाती है।

शेहला ने ट्वीट कर कहा, “एक निहत्थे कश्मीरी प्रदर्शनकारी को फौरन गोली मार दी जाती है। घरों के अंदर पैलेट गन चलाई जाती है। बच्चों पर गोली चलाकर उन्हें अंधा कर दिया जाता है। एक आरएसएस नेता पुलिस स्टेशन पर बम फेंकता है, लेकिन वह आतंकी नहीं है”!

उन्होंने तंज़ कसते हुए आगे लिखा, “मैं यहां मौत की सज़ा की कोई मांग नहीं देखती। ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ के लिए भी कोई मांग सुनाई नहीं देती”।

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