शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुजरात में नर्मदा के किनारे बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा को देखने पहुंचे थे। मगर, शनिवार को यूपी लौटने के बाद योगी सरकार ने अब अयोध्या में भगवान राम की 151 मीटर प्रतिमा बनाने का ऐलान किया है।

योगी सरकार अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 151 मीटर ऊँची ताम्बे की प्रतिमा बनवाने जा रही है। बीजेपी ने राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से अयोध्या में प्रतिमा बनवाने का फैसला जल्दबाजी में आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया है।

ये एक तरह से सरदार पटेल के ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ की बराबरी करने जैसा भी है। लेकिन बीजेपी के इस कदम को उसकी हताशा ही माना जा रहा है।

क्योंकि चुनाव नजदीक आते ही विपक्षी पार्टियाँ बीजेपी से उसके काम का हिसाब मांग रही हैं, इसके एवज में बीजेपी के पास जनता में अपना काम लेकर जाने के लिए कोई जवाब नहीं है।

उधर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने शनिवार को धमकी भरे लहजे में बयान देते हुए कहा कि, “राम मंदिर का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, लेकिन कोई भी अयोध्या में ‘राम लला’ की भव्य मूर्ति बनाने से हमें नहीं रोक रहा है। अगर कोई हमें रोकेगा तो हम उसे देख लेंगे। अयोध्या का विकास करने से हमें कोई नहीं रोक सकता।”

वहीं राम मंदिर की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जनवरी तक के लिए टाल दिया है और जनवरी में ही नए पीठ का गठन किया जायेगा जो राम मंदिर के भविष्य पर सुनवाई करेगा।

जबकि आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को एक धमकी देते हुए कहा कि, जरुरत पड़े तो फिर से 1992 की तरह राम मंदिर के लिए आन्दोलन किया जायेगा। अब राम मंदिर को लेकर इंतजार काफी लम्बा हो गया है। इसे बीजेपी की हताशा नहीं तो और क्या कहा जायेगा?

बता दें कि नया अयोध्या योजना के तहत सरयू नदी के किनारे प्रतिमा को स्थापित किया जायेगा। इस प्रतिमा को बनाने में अनुमानित 330 करोड़ रुपए तक का खर्च आयेगा।

इससे पहले सीएम योगी ने एक बयान में कहा था कि वह दिवाली पर बड़ी खुशखबरी लेकर अयोध्या जा रहे हैं। यूपी के लोगों के लिए चुनाव से पहले यही लॉलीपॉप भरी खुशखबरी है। जिससे सरकार लोगों को रोजगार और शिक्षा दे देगी!

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