‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी की आज 71वीं पुण्यतिथि है। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में बिरला हाउस के बाहर कट्टर हिंदूवादी नाथुराम गोडसे ने गांधी की हत्या कर दी थी।

शाम करीब 5 बजे गोडसे ने अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से गांधी के सीने में तीन गोलियां दाग दीं थी। दो गोलियां शरीर से होती हुईं बाहर निकल गईं, जबकि एक गोली उनके शरीर में ही फंसकर रह गई और गांधी ने दम तोड़ दिया।

आज गांधी की 71वीं पुण्यतिथि पर देश गांधी के विचारों को याद कर रहा है। साथ ही गोडसे की विचारधारा से मुक्ति पाने पर भी चर्चा हो रही है।

गांधी की पुण्यतिथि पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने सरदार पटेल के उन पत्रों को जिक्र किया है जो गांधी की हत्या के बाद पटेल ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और गोलवलकर को लिखा था।

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विनोद कापड़ी लिखते हैं ‘बापू की पुण्यतिथि पर सरदारपटेल का एक पत्र याद आ रहा है, जो उन्होंने श्यामाप्रसाद मुखर्जी को लिखा था : ‘RSS के लोग फ़ासिस्ट और छोटी सोच के हैं और उस नफरत के माहौल को बनाने के ज़िम्मेदार हैं जिसके कारण गांधी जी की हत्या कर दी गई। RSS कार्यकर्ता सरकार और देश के लिए ख़तरा बन रहे हैं’

सरदार पटेल ने एक पत्र गोलवलकर को भी लिखा था : ‘RSS के लोगों के भाषण में सांप्रदायिकता का ज़हर भरा होता है। हिंदुओं की रक्षा के नाम पर मुसलमानों से नफरत की क्या आवश्यकता है? इसी नफरत के कारण देश ने अपना पिता खो दिया।’

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