आगरा में दलित छात्रा संजलि की मौत के बाद देश भर में लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

इलाहबाद विश्वविद्यालय की एकमात्र महिला छात्रसंघ अध्यक्ष रही रिचा सिंह ने लिखा-

‘संजलि लड़की थी
गाय या जानवर के मांस का टुकड़ा नहीं,
वरना समाज- हिंदुत्व के ठेकेदार, भारत माता के बेटे सड़कों पर “बुलंदशहर कांड” दोहरा रहे होते…
योगी जी को भी इंसानों की नहीं सिर्फ गाय की चिंता, तो बेटियों पर ज़ुल्म पर क्या कहेंगे वो??
एक ही शब्द “अगले जन्म मोहे बिटिया ने कीजो ‘

जानें- क्या है मामला

मंगलवार 18 दिसम्बर, आगरा से 20 किमी. दूर लालामऊ गाँव के पास दो दबंगों ने स्कूल से वापस लौट रही 10वीं में पढ़ने वाली मासूम बच्ची को आग के हवाले कर दिया था।

जिस प्रदेश में ‘पुलिसवाले’ का हत्यारा बेख़ौफ़ घूम रहा हो वहां संजली जैसी ‘बेटियां’ कैसे सुरक्षित होंगी? : कन्हैया

इस हैवानियत में बच्ची 75 फ़ीसदी झुलस गई थी जिसके बाद उसे दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अफ़सोस कि 36 घंटे तक जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

इतने घिनौने अपराध के बावजूद पुलिस के हाथ अब तक ख़ाली हैं। दोनो आरोपी फ़रार हैं और पुलिस सिर्फ़ बयानबाज़ी कर रही है।

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