एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है। 6 साल में देश की अर्थव्यवस्था सबसे कम महज 4.5 फ़ीसदी हो गई है। बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है, प्याज 200 रुपये किलो बिक रहा है, सरकरी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल बिकने की कगार है। लेकिन मोदी सरकार देश को राम मंदिर, कैब, एनआरसी जैसे मुद्दों में उलझाए हुए है। इससे पता चलता है कि मोदी सरकार की प्राथमिकता क्या है!

राम मंदिर, अनुछेद 370, कैब, एनआरसी जैसे मुद्दों ने न तो देश तरक्की करेगा और न ही लोगों को नौकरी मिलेगी, न ही लोगों को अच्छा जीवन स्तर मिलेगा। मगर इन मुद्दों से एक ‘पार्टी’ को राजनीतिक तौर पर जरूर फायदा मिलेगा। लेकिन अपने राजनीतिक फायदे के लिए मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था से और देश के लोगों को गुमराह करके उनसे खिलवाड़ कर रही है।

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यही बात लोग भी नहीं समझ पा रहे हैं कि देश एनआरसी, कैब और अनुछेद 370 से तरक्की नहीं करेगा बल्कि देश अर्थव्यवस्था मजबूत होने से और लोगों को रोजगार मिलने से मजबूत होगा।

बता दें कि गुरुवार को अर्थव्यवस्था को फिर बड़ा झटका लगा है। नवंबर महीने में महंगाई 4.62 फ़ीसदी से बढ़कर 5.54 फ़ीसदी हो गई है। वहीं, अक्टूबर में औद्योगिक उत्पाद सूचकांक (IIP) फिर से नेगेटिव जों में बनी हुई है। अभी देश की औद्योगिक उत्पाद सूचकांक -3.8 फ़ीसदी है। जबकि पिछले साल 2018 में यह 8.4 फ़ीसदी था।

औद्योगिक उत्पाद सूचकांक के महत्व को ऐसे समझा जा सकता है कि, इससे पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से बढ़ रही है। बता दें कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में जबरदस्त गिरावट है। कंपनियां कर्मचारियों की छटनी कर रही हैं। फिर भी मोदी सरकार को राम मंदिर, अनुछेद 370, कैब, एनआरसी जैसे मुद्दों पर उलझा रही है।

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