मोदी सरकार मीडिया और प्रचार के दम पर चाहे जितना राग अलाप ले कि देश मजबूत स्थिति में है। मगर हकीकत में देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इस बात पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुहर लगा दी है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा की देश कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत गिरने की संभावना है। जबकि उच्च मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
शशिकांत दास ने कहा कि, जीडीपी कोरोना वायरस से होने वाले नुकसान से बाहर निकल सकती है और 2020 कि चौथी तिमाही तक सकारात्मक कोरोना हो सकती है।
वहीं आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने घोषणा करते हुए कहा कि, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। मौद्रीक नीति समिति के नीतिगत फैसलोंकी घोषणा करते हुए कहा कि, राष्ट्र का मिजाज डर से आशा की ओर बढ़ गया है।
गौरतलब है कि, पिछले महीने वित्त वर्ष 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ में 40 साल में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट -23.9 फीसदी दर्ज की गई थी।
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में यह अमेरिका के बाद सबसे बुरी अर्थव्यवस्था भारत की ही रही।
भारतीय अर्थव्यवस्था में बीते 40 साल में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट आई है। दास ने कहा, “2021 में रियल जीडीपी में 9.5 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है, लेकिन तेजी से रिबाउंड का अनुमान है।”