आज ‘मोदी सरनेम’ केस में गुजरात हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है।

मोदी सरनेम केस में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी दो साल वाली सज़ा को बरकरार रखा गया है।

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा की केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोला है।

साथ ही इस केस में राहुल गाँधी के वकील बी एम मञ्जुकिया ने गुजरात हाईकोर्ट फैसले पर कहा- ”सबूत नहीं होने के बावजूद भी फैसला सुनाया गया है। गुजरात हाई कोर्ट से उम्मीद थी कि फैसला राहुल गाँधी के पक्ष में आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब उच्च न्यायालय में इस याचिका को अभिषेक मन्नू सिंघवी रखेंगे।”

दरअसल राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की एक सभा में मोदी सरनेम को लेकर एक कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है। राहुल गाँधी ने नीरव मोदी मामले में यह बात बोली थी।

नीरव मोदी भारतीय बैंकों से लगभग 14 हज़ार करोड़ रूपये का लोन लेकर विदेश फरार हैं। एक ज़माने में नीरव को मोदी पीएम मोदी के करीबियों में जाता था।

राहुल गाँधी के ऊपर इस भाषण के बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस किया था। जिसमें 23 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गाँधी को दो साल की सज़ा सुनाई थी।

हालांकि इस फैसले कुछ घंटे बाद ही कांगेस नेता गाँधी को जमानत मिल गयी थी। लेकिन इस फैसले के बाद अगले दिन 24 मार्च को ही लोकसभा सदस्यता चली गयी थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

वहीं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा- यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी के हर नेता, कार्यकर्ता और देश की पूरी विपक्ष पार्टियां इस घडी में राहुल गांधी के साथ है।

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