गिरीश मालवीय

अभी तक आपने देखा होगा कि सच दिखाने वाले पत्रकारों को ही देशद्रोही का तमगा दिया जाता है पर अब मोदी -2 है अब पत्रकार ही नहीं बल्कि पूरी की पुरी समाचार एजेंसी ही देशद्रोही बना दी गयी है.

प्रसार भारती ने भारत की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी पीटीआई को देशद्रोही कह दिया है। पीटीआई का कसूर बस इतना है कि उसने चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री के हवाले से कहा था, ‘चीनी सेनाओं को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपनी तरफ वापस जाने की जरूरत है.’पीटीआई के एक अन्य ट्वीट में मिस्री कहते हैं, ‘चीन को एलएसी के भारतीय हिस्से की ओर अतिक्रमण के प्रयास और संरचनाओं को खड़ा करने की कोशिश को रोकना होगा.’

इस पूरे मसले पर द वायर ने रिपोर्ट लिखी है।

दअरसल भारतीय राजदूत का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे के विपरीत है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत में कोई भी नहीं घुसा है. 24 घंटों बाद भी न तो राजदूत विक्रम मिस्री और न ही विदेश मंत्रालय ने पीटीआई के ट्वीट की सत्यता को खारिज किया है.शनिवार को प्रसार भारती के अधिकारियों ने पत्रकारों से कहा कि सार्वजनिक प्रसारणकर्ता अपनी अगली बोर्ड बैठक से पहले पीटीआई को एक सख्त पत्र भेज रहा है जिसमें पीटीआई द्वारा राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई है.

अधिकारियों ने कहा, ‘पीटीआई की देश विरोधी रिपोर्टिंग के कारण उसके साथ संबंध जारी रखना संभव नहीं है.’उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्रसारक दशकों से कई करोड़ों में चलने वाली भारी वार्षिक फीस के साथ पीटीआई का समर्थन कर रहे हैं. इसके साथ ही 2016 के बाद से समाचार एजेंसी अपने शुल्क में बढ़ोतरी न करवाने को लेकर अड़ी रही है.

अब पीटीआई के व्यवहार को देखते हुए प्रसार भारती, पीटीआई के साथ अपने संबंधों की समीक्षा कर रही है. इस संबंध में अंतिम फैसले की सूचना जल्द दे दी जाएगी.

इस फैसले और देशद्रोही ठहराने के कारणों को पूछे जाने पर प्रसार भारती अधिकारी ने सिर्फ इतना ही कहा, ‘चीन कवरेज.’

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