राफेल सौदे को लेकर वायु सेना प्रमुख द्वारा तारीफ किए जाने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आपत्ति जताई है।

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि हम वायुसेना के चीफ पर सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं। हम विनम्रतापूर्वक सेना और वायुसेना के प्रमुखों से यह अनुरोध कर रहे हैं वे इस बहस से बाहर रहें, क्योंकि कोई भी विमान की क्षमता पर संदेह नहीं कर रहा है। सवाल सौदे पर खड़े किए जा रहे हैं।”

इससे पहले कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली ने भी वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ पर गंभीर आरोप लगाए थे। मोइली ने वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने सच को छुपाने के लिए झूठ बोला है।

आपको बता दें कि बुधवार को राफेल पर बोलते हुए वायु सेना प्रमुख बी एस धनोआ ने कहा था कि राफेल विमान सौदे के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर कोर्ट ने ‘बहुत अच्छा फैसला’ दिया है।

साथ ही वायु सेना प्रमुख ने राफेल विमान और इस डील की भी तारीफ करते हुए कहा था कि यह पासा पलटने वाला सिद्ध होगा।

अब वायु सेना प्रमुख के खिलाफ पी. चिदंबरम ने एक बयान जारी किया है। पी.चिदंबरम के अपने इस बयान में उन तमाम लोगों पर सवाल खड़े किए हैं जो कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर राफेल डील को क्लीन चिट दे रहें हैं।

बयान में उन्होंने कहा है कि “राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ जाहिर होता है कि कोर्ट दो बातों को ध्यान में रखते हुए इस फैसले पर पहुंचा। एक जिस पर कोर्ट फैसले दे सकता है। और दूसरा खरीद की प्रक्रिया से जुड़ा मामला है, जिसमें कोर्ट दखलअंदाजी नहीं कर सकता।”

पीं. चिदंबरम ने कहा है कि राफेल डील को लेकर कोर्ट से लेकर जनता तक को गुमराह किया है।

कोर्ट में सरकार ने पीएसी और सीएजी को लेकर गलत जानकारियां दी है और फैसले के बाद इन पर पूछे गए सवालों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में व्याकरण की गलतियों का सहारा लिय़ा है।

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