प्रज्ञा सिंह जीत रही है। यानी जो भारत वे बनाना चाहते हैं, बना रहे हैं। यह उनका ‘सत्याग्रह’ है, जैसा कि अमित शाह ने कहा था। मगर हमें अब भी उस सत्याग्रह पर नाज़ है, जिसने एक अहिंसक, सहिष्णु, समावेशी और करुणाप्रधान भारत का भरोसा दिया।

जैसा कि गांधीजी ने कहा था, जिन ताक़तों को अपने दौर में एक बारगी अपराजेय समझा गया, इतिहास गवाह है कि अंततः वे सब इतिहास के कूड़ेदान की भेंट चढ़ गए। ऐसा हमेशा होता आया है। आज नहीं तो कल होगा।

आज भले धर्म-अधर्म, अर्थ-अनर्थ, सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय, करुणा और आतंक के भेद मिटते दीखते हों, पर धर्म और सेना के कंधे पर बंदूक़ हमेशा कामयाब नहीं होगी। हाँ, विकल्प को ज़रूर बेहतर तैयारी और तालमेल के साथ समाज के सामने आना होगा।

अगर आतिशी चुनाव में हारती हैं और प्रज्ञा ठाकुर जीत जाती हैं तो इससे पता चल जाएगा देश क्या चाहता हैः सिद्धार्थ

बता दे कि 12 बजे तक की गई मतगणना के मुताबिक, भोपाल से BJP उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय से आगे चल रही हैं। प्रज्ञा ठाकुर 197642 वोटों के साथ आगे हैं

वहीं दिग्विजय सिंह 150055 वोटों के साथ प्रज्ञा को टक्कर देते नज़र आ रहें है। हालांकि इन आंकड़ों को देखते हुए साध्वी प्रज्ञा का संसद में पहुंचना लगभग तय माना जा रहा है।

  • ओम थानवी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here