बिहार में कोरोना वायरस के ख़िलाफ मोर्चे पर खड़े डॉक्टर्स इक्विपमेंट्स की कमी से जूझ रहे हैं। वह लगातार इस कमी के खिलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं। लेकिन उनकी इस आवाज़ को अभी तक राज्य की नीतीश सरकार ये कहते हुए दबाती रही है कि राज्य में इक्विपमेंट्स की कोई कमी नहीं है।
लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ख़ुद स्वीकार कर लिया है कि कोरोना ले लड़ने के लिए राज्य में इक्विपमेंट्स की भारी कमी है।
ये बात नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉफ़्रेसिंग के माध्यम से की गई बैठक में कबूल की। उन्होंने बैठक में पीएम मोदी से कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में केंद्र बिहार की मदद करे। हम अपील करते हैं कि हमें ज़्यादा इक्विपमेंट्स उप्लब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के सामने मांग रखते हुए कहा कि लेबोरेट्री टेस्ट को प्रभावी बनाने के लिए केंद्र से अधिक टेस्टिंग किट्स की ज़रूरत है। इसमें बीपी एवं आरएनए एक्स्टैशन किट को समाहित करते हुए एक सेट के रूप में दिया जाए, तो इसका परिणाम अच्छा होगा। रोकथाम और उपचार के लिए N-95 मास्क, पीपीई किट का इंतज़ाम होना चाहिए।
इस दौरान नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से सही मात्रा में इक्विपमेंट्स महैया न कराए जाने की शिकायत भी की। उन्होंने कहा कि हमने पांच लाख व्यक्तिगत सुरक्षा किट (पीपीई) की मांग की थी लेकिन हमें केवल 4 हज़ार ही मिले। हमने 10 लाख एन 95 मास्क मांगे थे लेकिन सिर्फ 10 हज़ार ही मिले। इसके अलावा हमने 10 लाख पीआई मास्क मांगे थे मगर केवल एक लाख ही मुहैया कराए गए। हमें 10,000 आरएनए किट की जगह 250 ही उपलब्ध हुए हैं। इसके अलावा 100 वेंटिलेटर की मांग की गई जिसमें से अभी तक एक भी नहीं मिला है।
बता दें कि बिहार में गुरुवार को कोरोना के 5 और पॉजिटिव केस मिलने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। राज्य में इससे एक मौत भी हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के ज़रिए ये बात सामने आती रही है कि बिहार में कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त इक्विपमेंट्स नहीं है। लेकिन राज्य सरकार इन दावों को पहले खारिज करती रही है, लेकिन अब उसने खुद इस बात को मान लिया है कि उसे केंद्र की तरफ से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही।