उत्तराखंड, कर्नाटक के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुछ ही महीनों में तीसरे भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री के इस्तीफे ने केंद्रीय नेतृत्व को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।

बताया जा रहा है कि विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद अब भाजपा नेता भूपेंद्र पटेल को गुजरात की कमान सौंपी जायेगी।

भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया सीट से विधायक हैं। कहा जा रहा है कि उनके नाम का प्रस्ताव विजय रुपाणी ने रखा था।

गुजरात में मची सियासी उठापटक के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का बड़ा बयान सामने आया है।

उन्होंने कहा है कि अपनी जिंदगी में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। वह लोगों के दिलों में बसते हैं। उन्हें वहां से कोई निकाल नहीं सकता।

दरअसल विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि नितिन पटेल को राज्य के मुख्यमंत्री पद का पदभार सौंपा जा सकता है।

लेकिन रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल को सूबे का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने पर फैसला लिया जा चुका है।

रविवार को ही मेहसाणा में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वह अकेले नहीं हैं। जिनकी बस छूटी है।

बल्कि उनके जैसे कई और भी हैं। इसलिए इसे उस नजर से न देखें। लोग तो कयास ही लगाते हैं। लेकिन पार्टी को ही फैसला लेना होता है।

उनका कहना है कि जनता के दिल से उन्हें कोई नहीं निकाल सकता। मैं सत्ता की भूख रखने वाला राजनीतिक इंसान नहीं हूं। मैंने कभी भी जाति या धर्म के तौर पर भेदभाव करते हुए कोई काम नहीं किया है।

माना जा रहा है कि हल्के-फुल्के अंदाज में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने केंद्रीय नेतृत्व पर अपना गुस्सा जाहिर किया है।

आपको बता दें कि गुजरात के नए मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेंद्र पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। इसके साथ ही वह आरएसएस के कार्यकर्ता भी हैं।

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