केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर इशारों-इशारों में खुद की पार्टी बीजेपी को नसीहत दी है। इस बार बीजेपी लोकसभा चुनाव राष्ट्रवाद बनाम आतंकवाद पर लड़ रही है ऐसे में गडकरी ने कहा वो बीजेपी एजेंडा से मेल नहीं खाता है।
गडकरी ने कहा कि मैं चुनाव धर्म और जाति के आधार पर नहीं लड़ता हूँ मैं सभी वर्गों के लिए काम करता हूँ।
दरअसल नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहें है। उनके खिलाफ उन्हीं के पूर्व साथी नाना पटोले कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहें है। गडकरी से जब सवाल किया गया कि आपका राष्ट्रवाद आपके चुनावी अभियान में क्यों नज़र नहीं आता है?
गडकरी ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि मैं राष्ट्रवादी तो हूं लेकिन धर्म, जाति के आधार पर चुनाव नहीं लड़ता, मैंने अपना काम किया है। गडकरी ने सड़कों, नागपुर मेट्रो और दलितों के लिए अपने काम को गिनाते हुए कहा कि मैं चुनावी अभियान में इन्हीं मुद्दों पर बात करूंगा उससे ज्यादा कुछ नहीं।
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इस बयान के कई अपने मतलब निकाले जा सकते है। क्योंकि पीएम मोदी ने पिछले ही दिनों समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट पर आरोपियों के बरी होने पर कहा था कि कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है ऐसा इतिहास ही नहीं है।
अब ऐसे बयान के बाद गडकरी का ये कहना कि उन्हें वोट मांगने के लिए धर्म या राष्ट्रवाद की ज़रूरत नहीं पड़ती फिर सवाल तो उठेगा ही।
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बता दें कि इससे पहले भी नितिन गडकरी कई बार ऐसे बयान दे चुके है। जो बीजेपी के एजेंडा से मेल नहीं खाते है। चाहे वो परिवार को लेकर कही बात हो या फिर बीजेपी के विचारों से हटकर अपना अलग मत रखने की बात गडकरी हमेशा ऐसे ही सुर्खियाँ बटोरते रहते है।