मोदी सरकार आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में Citizenship amendment bill पेश करने वाली थी। लेकिन विपक्ष और पूर्वोत्तर के नेताओं के विरोध की वजह से विधयेक पेश नहीं हो पाया। NDA के सहयोगी दल और पूर्वोत्तर के बीजेपी नेता भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी NDA का हिस्सा है। लेकिन अब नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा साफ कहा है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ NDA से अलग हो जाएगी।

नेशनल पीपुल्स पार्टी मेघालय के अलावा अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में भी बीजेपी को समर्थन कर रही है। अगर बीजेपी Citizenship amendment bill को राज्यसभा में पारित करती है को इन सभी राज्यों से नेशनल पीपुल्स पार्टी का समर्थन चला जाएगा।

मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं करने की अपील की है।

लेकिन सत्ता के नशे में धुत केंद्र की बीजेपी सरकार पर इन नेताओं की धमकी का असर होता नहीं दिख रहा है। कल यानी 13 फरवरी को 16वीं लोकसभा का आखिरी सत्र है, ऐसे में बीजेपी इस बिल को पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी।

शायद यही वजह है कि असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कर्फ्यू लगायी जा रही है। मणिपुर की राजधानी इंफाल के ईस्ट और वेस्ट जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। इन क्षेत्रों की इंटरनेट सर्विस भी बाधित की गई है।

रविवार को यहां आक्रोशित महिलाओं की भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे थे। झड़प में कई लोग घायल हो चुके हैं लेकिन प्रदर्शन लगातार जारी है।

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