चोरी के आरोप में जेल में बंद 30 वर्षीय अब्दुल रहीम की मौत हो गई है। रहीम के परिजनों ने पुलिस पर उसकी हत्या का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने रहीम को जेल में बंद करने से पहले बुरी तरह से पीटा था, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।

हालांकि पुलिस ने रहीम के परिजनों के आरोप को बेबुनियाद बताया है। पुलिस का कहना है कि रहीम की मौत अचानक तबियत बिगड़ने से हुई है। बता दें कि 14 जनवरी को पुलिस ने चोरी के एक मामले में ठाकुरगंज के जायरा कॉलोनी के रहने वाले रहीम को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था।

पुलिस के मुताबिक, 18 जनवरी को रहीम की तबियत अचानक बिगड़ गई थी। हालत गंभीर होने पर जेल प्रशासन ने उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन चार दिन बाद भी सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर रेफर किया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

लेकिन रहीम के परिजन पुलिस के इस बयान को कहानी बता रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि रहीम की मौत तबियत बिगड़ने से नहीं बल्कि कस्टडी में पुलिस की पिटाई से हुई है।

रहीम के बड़े भाई हलीम ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के बाद रेहान को पुलिस कस्टडी में प्रताड़ित किया गया था। उसने बताया कि जब वह 18 जनवरी को रहीम से जेल में मुलाकात करने गया था तो उसकी हालत गंभीर थी।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि रेहान की पिटाई करने के बाद उससे जबरन गुनाह कबूल करवाया गया। उनकी मांग है कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

यूपी पुलिस पर इस तरह के आरोप पहली बार नहीं लगे हैं। इससे पहले उन्नाव गैंगरेप कांड में भी पुलिस पर पीड़िता के पिता को कस्टडी में पीट-पीटकर मार देने के आरोप लगे थे।

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