भारत की राजनीति में इस वक्त कोरोना महामारी के बाद लक्षद्वीप का मुद्दा काफी चर्चा में बना हुआ है। दरअसल लक्षद्वीप के प्रशासक को हटाने की मांग सोशल मीडिया ट्रेंड कर रही है।

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के कुछ फैसलों से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि उनके फैसलों से लक्षद्वीप को सांस्कृतिक और धार्मिक तौर पर नुकसान पहुंच सकता है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि हिंद महासागर में मौजूद लक्षद्वीप कुल 10 द्वीपों का एक समूह है। जिसमें लोगों की आबादी लगभग 80 हजार के करीब है।

लक्षद्वीप सामाजिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है। ये केरल के सबसे नजदीक है।

इसी बीच खबर सामने आई है कि लक्षद्वीप के लिए अब केरल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

लक्षद्वीप के लोगों के साथ एकजुटता जताते हुए केरल विधानसभा में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति के साथ पारित कर दिया गया है। जिसमें लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल को वापस बुलाए जाने की मांग की गई है।

इसके साथ ही केरल सरकार ने इस मामले में मोदी सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया है। ताकि लक्षद्वीप के लोगों की आजीविका बचाई जा सके।

बीते कई दिनों से लक्षद्वीप में प्रफुल पटेल द्वारा लिए जा रहे फैसलों का स्थानीय लोगों द्वारा खुलकर विरोध किया जा रहा था। अब केरल ऐसा पहला राज्य बन चुका है। जिसने लक्षद्वीप के लोगों के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है।

इस दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने कहा है कि संवैधानिक मूल्यों को बरकरार रखने का समर्थन करने वालों को लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के कदमों का खुलकर विरोध करना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने लक्षद्वीप में लोकतंत्र को नष्ट किए जाने की कथित कोशिश इस पर भी केंद्र सरकार की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस वक्त लक्षद्वीप का भविष्य चिंता में है। जिसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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