कर्नाटक उच्च न्यायालय के जज एचपी संदेश को तबादले की धमकी मिली है, उन्होंने तबादले की मिली धमकी को कल सोमवार को सबके सामने रखा।

उन्होंने कहा “कर्नाटक एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के शीर्ष अधिकारी को फटकार लगाने के मामले में तबादले की धमकी मिली है। हाईकोर्ट के मौजूदा जज ने मुझे धमकाते हुए कहा है कि अब आपका तबादला हो सकता है। ”

उन्होंने आगे अपनी बात में कहा कि मुझे ये सूचना मेरे ही एक सहयोगी ने दी है और मैं इसके लिए तैयार हूँ। एसीबी एक ‘कलेक्शन सेंटर’ बन गया है। एचपी संदेश ने एसीबी के एडीजीपी को एक दागी अधिकारी भी बुलाया।

दरअसल जस्टिस संदेश पिछले हफ्ते से ही बंगलुरु शहर में भूमि विवाद के केस में उपायुक्त जे मंजूनाथ के कार्यालय में डिप्टी तहसीलदार महेश द्वारा 5 लाख रु रिश्वत लेने की बात से बहुत चिंता में थे।

उनका मानना था कि अदालत में वरिष्ठ अधिकारियों को बचाया जा रहा है और केवल कनिष्ठ कर्मचारियों पर मुकदमा चलाया जा रहा है।

इस मामले के तहत सोमवार को आईएएस अधिकारी और बेंगलुरु शहर के पूर्व उपायुक्त जे मंजूनाथ की उनके आवास यशवंतपुर से भ्रस्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी की गई।

वहीँ दूसरी तरफ प्रशांत भूषण समेत कई बड़े जजों ने एचपी सन्देश का साथ देते हुए ट्वीट किए और न्याय की गुहार लगाई। अपने खिलाफ हो रहे इस घटना में अपना पक्ष लेने में जज संदेश खुद भी पीछे नहीं रहे।

उन्होंने कहा “मैं किसी से नहीं डरता. मैं बिल्ली को घंटी बांधने के लिए तैयार हूं. जज बनने के बाद मैंने संपत्ति जमा नहीं की है. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मैं पद खो देता हूं. मैं एक किसान का बेटा हूं. मैं खेती करने के लिए तैयार हूं. मैं किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं हूं. मैं किसी भी राजनीतिक विचारधारा का पालन नहीं करता हूं.”

जस्टिस संदेश की इस बात को ध्यान में रखते हुए अदालत ने 29 जून को एसीबी को 2016 से अबतक की सभी ‘B ‘ रिपोर्ट वाले मामलों का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया था। अदालत में अभी भी इस मामले पर सुनवाई हो रही है।

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