जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस शाबाना आज़मी और संगीतकार जावेद अख़्तर ने पाकिस्तान में आयोजित कवि कैफी आज़मी के कार्यक्रम में शिरकत करने से मना कर दिया है।

इस बात की जानकारी ख़ुद जावेद अख़्तर ने ट्वीट के ज़रिए दी। उन्होंने लिखा, “कराची आर्ट काउंसिल ने शबाना और मुझे दो दिन पहले कैफी आजमी और उनकी कविताओं के बारे में होने वाले लिटरेटर कॉन्फ्रेंस में इंवाइट किया था।

हमने इसे कैंसल कर दिया है। 1965 में इंडो पाक युद्ध के दौरान कैफी साहब ने एक कविता लिखी थी ‘और फिर कृष्णा ने अर्जुन से कहा’।

बता दें कि कैफी आजमी, शबाना आजमी के पिता और जावेद अख्तर के ससुर हैं। इसी वजह से कराची आर्ट काउंसिल ने इन दोनों को कवि कैफी आजमी के बारे में होने वाले लिटरेटर कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया था।

लेकिन पुलवामा अटैक के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ़ ग़ुस्से का माहौल है। जिसके मद्देनज़र जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी ने कराची आर्ट काउंसिल के प्रोग्राम में शिरकत करने से मना कर दिया।

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इससे पहले जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी ने पुलवामा हमले पर शोक व्यक्त करते हुए इसकी आलोचना की थी। जावेद अख़्तर ने लिखा था, ”मेरा CRPF से विशेष संबंध है। मैंने उनके एंथम सॉन्ग को लिखा है, कलम को कागज पर रखने से पहले मैंने कई सीआरपीएफ अधिकारियों से मुलाकात की थी। बहादुर जवानों के परिजनों को मेरी संवेदना”।

वहीं शबाना आजमी ने भी हमले की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने हमले को जघन्य अपराध करार दिया और कहा कि यह बुद्धिहीन लोगों का काम है। पुलवामा से आई घटना बेहद दुखद और चौंकाने वाली है। उन्होंने इस भीषणतम हमले की कड़ी निंदा की और शोक संतप्त परिजनों के साथ एकजुट रहने की बात कही।

गौरतलब है कि गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी। ये साल 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।

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