भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। वायुसेना का कहना है कि फ़्रांस में मौजूद भारतीय राफेल टीम के कार्यालय में घुसपैठ की कोशिश की गई है।

वायुसेना का कहना है कि राफेल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम 36 राफेल एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन का जायजा लेने और ट्रेनिंग के लिए फ़्रांस पहुंची हुई है। जहां भारतीय वायुसेना की राफेल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम के साथ डील से जुड़े दस्तावेज चुराने की कोशिश हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राफेल विमान साल 2019 के अंत तक आने शुरू हो जाएंगे।

मगर उससे पहले इस तरह की दस्तावेजों को चुराने का मतलब क्या है ? वो भी तब जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में महज कुछ दिन ही बचे हो ?

ऐसा पहली बार नहीं है जब राफेल विमान से जुड़ी फाइल चोरी होने की बात सामने आई हो। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने माना था कि याचिकाकर्ता ने जो दस्तावेज पेश किये वो रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए, हालाकिं बाद में कहा गया की इसका फोटो कॉपी निकाला गया। मगर बार बार ऐसी राफेल से जुड़े दस्तावेजों तक पहुँचने की कोशिश क्यों की जा रही है?

बता दें कि राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर पक्षपात करने के साथ घूस लेने का आरोप लग चुका है। लोकसभा चुनाव में भी विपक्षी दलों ने ‘चौकीदार चोर है’ नारा जोर शोर से उठाया था।

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