दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण हरियाणा में कई विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। जिसके चलते मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर सियासी संकट बना हुआ है।

इसी बीच कांग्रेस द्वारा विधानसभा में खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला दिया गया है। जिस पर 10 मार्च को सत्ता पक्ष और विपक्ष पर बहस होने वाली है।

दरअसल हरियाणा विधानसभा में इस वक्त बजट सत्र चल रहा है। इसी बीच कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने राज्य में सियासी सरगर्मियां को बढ़ाने का काम किया है।

इस मामले में कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा- “विधानसभा में कल हो जाएँगे चेहरे बेनक़ाब, अविश्वास प्रस्ताव से हो जाएगा साफ़। कौन MLA किसान के साथ है, कौन कुर्सी के साथ।

IND, JJP MLA अविश्वास प्रस्ताव पर वोट डालने से पहले 300 किसानों की क़ुर्बानी को करें याद। किसान की कुरबानियों की खिल्ली उड़ाने वाली सरकार के पाप में भागीदार न बने।”

 

इस कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा ने भी लोगों से अपील की है कि वह अपने विधायकों से सरकार के खिलाफ के खिलाफ वोट करने को कहें।

राज्य में चल रही भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकार का विरोध राज्य के किसानों द्वारा बढ़-चढ़कर किया जा रहा है।

गौरतलब है कि बीते साल नवंबर के महीने में शुरू हुए किसान आंदोलन पर जिस तरह से खट्टर सरकार ने कार्रवाई की थी। उसके चलते ही किसानों में भारी रोष और आक्रोश है। वहीँ जजपा पर भी भाजपा से समर्थन वापिस लेने के लिए दबाब बनाया जा रहा है।

बताया जाता है कि भाजपा की सहयोगी जजपा के छह विधायक कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। बता दें, विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायकों की जरूरत है।

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