बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस नाटकीय ढंग से मात्र 80 घंटे के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। शनिवार (23 नवंबर) को बिना ठोस समर्थन के फडणवीस मुख्यमंत्री बने और तीन दिन बाद मंगलवार (26 नवंबर) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। गुजरात के पाटीदार नेता से अब कांग्रेस नेता बने हार्दिक पटेल ने तीन दिन की फडणवीस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हार्दिक पटेल ने ट्वीट करके कहा है कि देवेंद्र फडणवीस दो-तीन दिन के लिए मुख्यमंत्री इसीलिए बने क्योंकि, उनको अपने पांच साल के कार्यकाल में किए काले कारनामों की फाइल ठिकाने लगानी थी। हार्दिक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि,
“महाराष्ट्र में भाजपा का इरादा पांच साल के लिए सरकार चलाना नहीं था लेकिन दो-तीन दिन के लिए सीएमओ में रहकर पिछले पांच साल में किए काले कारनामे की फाइलें सही सलामत करना था। भाजपा का ध्येय सिर्फ और सिर्फ संविधान को ख़त्म करना और तानाशाही एवं गुंडागर्दी स्थापित करना है।”
महाराष्ट्र में भाजपा का इरादा पाँच साल के लिए सरकार चलाना नहीं था लेकिन दो-तीन दिन के लिए सीएमओ में रहकर पिछले पाँच साल में किए काले कारनामे की फ़ाइलें सही सलामत करना था। भाजपा का ध्येय सिर्फ़ और सिर्फ़ संविधान को ख़त्म करना और तानाशाही एवं गुंडागर्दी स्थापित करना हैं।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) November 26, 2019
गौरतलब है कि, देवेंद्र फडणवीस ने जिस महा भ्रष्टाचारी अजित पवार को पूरे चुनाव में जेल की चक्की पिसवाने की बात करते थे, उन्हीं अजित पवार के बीजेपी के साथ सरकार बनाते ही ‘क्लीन’ दी दी गई। अजित पवार पर चल रहे ‘सिंचाई घोटाले’ के 9 मामलों को बंद कर दिया गया। ये सिंचाई घोटाला 70,000 करोड़ का है।
2017 में 71% हिस्सों पर काबिज़ BJP 2019 में 40% पर सिमटी, मोदी-शाह मैजिक ख़त्म हो रहा है?
अब हार्दिक पटेल के दावों में कितनी सच्चाई है, ये तो जांच करने के बाद ही पता चल पायेगा? देवेंद्र फडणवीस ने क्या वाकई अपनी सरकार में किए गए भ्रष्टाचार की फाइलें दबाई हैं या नहीं? हालांकि जब एनसीपी से बागी होकर अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन देकर महाराष्ट्र में दोबारा देवेंद्र फडणवीस सरकार बनवाई, तभी ऐसे दावे किए गए कि उन्होंने ये समर्थन ख़ुद को भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त होने के लिए दिया है।