गुजरात दंगों का मुख्य चेहरा रहे बाबू बजरंगी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिल गई है। ये जमानत उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है। उन्हें 21 साल की सजा हुई है मगर शारीरिक रूप से बीमार चल रहे जिसके लिए उन्हें बाईपास सर्जरी करवानी है इसी के चलते उन्हें जमानत दी गई है।

दरअसल बजरंग दल के बाबू बजरंगी को बीजेपी आलाकमान का समर्थन था। जिसके चलते उन्हें कई दिनों तक बचाया भी जाता रहा। मगर आखिर में बजरंगी को जिंदगी की आखिरी सांस तक कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने सजा घटाकर 21 साल की जेल कर दी थी।

पिछले ही साल अप्रैल में नरोदा पाटिया दंगे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था। जिसमें चार दोषियों को 10 साल की सजा हुई थी। इस दंगें में कुल 97 लोग मारे गए थे जबकि 33 लोग जख्मी हो हुए थे।

हैरान करने वाली बात ये है कि इसी साल जनवरी में नरोदा पाटिया दंगे के मामले में सजा काट रहे चार दोषियों उमेश भाई भारवाड, राजकुमार, हर्षद और प्रकाशभाई राठौड़ को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दी गई थी।

बता दें कि साल 2002 में गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में कुछ लोगों ने आग लगा दी थी। जिसमें कथित रूप से कारसेवकों की मौत के बाद पूरे राज्य में दंगा हुआ।

जिसे सुप्रीम कोर्ट ने तबके सीएम रहें प्रधानमंत्री मोदी को फटकार भी लगाई थी। इस दंगें में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। इन्हीं दंगों के दौरान नरोदा पाटिया की घटना भी हुई थी।

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