बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (Special Investigation Team) ने बुधवार सुबह उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। छात्रा को फिलहाल 7 अक्टूबर तक जेल में ही रहना होगा।

छात्रा की गिरफ्तारी रेप के आरोपी चिन्मयानंद के उस बयान के आधार पर हुई है, जिसमें उन्होंने छात्रा पर रंगदारी का आरोप लगाया था। रंगदारी के इस मामले में पुलिस पहले ही छात्रा के दो दोस्तों को गिरफ्तार कर चुकी है और अब छात्रा को हिरासत में लिया गया है। चिन्मयानंद के बयान के आधार पर पुलिस ने छात्रा के ख़िलाफ़ तो जबरन वसूली का मामला दर्ज कर लिया, लेकिन पीड़ित छात्रा के बयान पर चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ रेप का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।

उत्तर प्रदेश पुलिस के इस दोहरे रवैये पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं। पत्रकार फेय डिसूज़ा ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “लड़की का रेप किया जाता है और उसे इस ताक़तवर शख़्स को नग्न मसाज देने के लिए मजबूर किया जाता है। लड़की को गिरफ्तार कर लिया गया है! आदमी पर बलात्कार का आरोप तक नहीं”। 

बता दें कि छात्रा के आरोपों के बावजूद 45 दिन के बाद चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया था। चिन्मयानंद की गिरफ्तारी एक वीडियो के आधार पर हुई थी, जिसमें वह एक युवती से नग्न मसाज कराते नज़र आ रहे हैं। लेकिन जब चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया तो उनपर आरोपों के तहत रेप की धारा नहीं लगाई गई।

चिन्मायनंद के ख़िलाफ़ सिर्फ 376C, 354D,342,506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें धारा 376 (सी) जिसके मुताबिक किसी शख़्स द्वारा अपनी ताक़त और पद का इस्तेमाल करते हुए ज़बरन यौन शोषण किया जाता है। वहीं 354D इस धारा के तहत किसी लड़की या महिला का पीछा करना जैसी वारदातें शामिल हैं।

जिसमें पहली बार अगर व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसको तीन साल तक की सज़ा और जुर्माना हो सकता है और अगर वह व्यक्ति दूसरी बार इस तरह की वारदात में दोषी पाया जाता है। उसे पांच साल तक की कैद और जुर्माना भी हो सकता है। मगर इन सभी धाराओं में 375 को नहीं जोड़ी गया, जो कि रेप की धारा है।

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