अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर उत्पात मचाने की तैयारी है और सत्ता में बैठे लोग मानो रोकने के बजाय सबको उकसा रहे हैं।

नियम कानून का डर किसी को नहीं है, गोदी मीडिया के पत्रकार मानो कारसेवक बनकर दिन रात मुहीम चला रहे हैं।

यूपी की सत्ता में योगी की और केंद्र की सत्ता में मोदी की सरकार है, जिनसे दंगा रोकने की उम्मीद करना ही बेमानी है।

ऐसे में यूपी के दो बड़े नेता अखिलेश और मायावती की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वो दंगाइयों पर लगाम लगाने का दबाव बनाएं।

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इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल का लेख पढ़ें-

‘अगर इस समय यूपी को दंगाइयों से बचाने के लिए अखिलेश और बहनजी मिलकर कोई पहल नहीं करते तो मुझे इस बात से क़तई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा कि इनमें से अगला मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कौन बनेगा।

जब देश और जनता का अमन चैन ही नहीं बचा, तो बाक़ी सब बेमानी है।

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पहल करने का मतलब सिर्फ़ बयान देना नहीं होता। हालाँकि साझा बयान से भी फ़र्क़ पड़ेगा’

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