बीते दिनों एक पुस्तक का विमोचन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदू मुस्लिम एकता और मॉब लिंचिंग पर दिए गए बयान पर अब राजनीति शुरू हो चुकी है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पहले लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी उन पर हमला बोला है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदू मुस्लिम एकता और मॉब लिंचिंग पर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने निशाना साधा है।

इस सिलसिले में कांग्रेस नेता द्वारा ट्वीट कर मोहन भागवत को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके पद से हटाने की चुनौती दी गई है।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि “अगर आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं। तो भाजपा में वह सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है। उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें शुरुआत नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से करें।”

इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि लेकिन यह आसान नहीं है। आप लोगों ने हिंदू मुसलमान के बीच इतनी नफरत भर दी है कि उसे दूर करना आसान नहीं है।

सरस्वती शिशु मंदिर से लेकर संघ द्वारा बौद्धिक प्रशिक्षण में मुसलमानों के खिलाफ जो नफरत का बीज बोया गया है।

यह निकालना आसान नहीं है। कथनी और करनी में अंतर है मुझे मालूम है कि आप ऐसा नहीं करेंगे।

अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता ने एक न्यूज़ की रिपोर्ट को भी टैग किया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुए एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख द्वारा दिए गए बयान का उल्लेख है।

इस बयान में आरएसएस प्रमुख ने कहा है कि भारत के सभी नागरिकों का डीएनए एक है। चाहे वो हिंदू है या मुसलमान।

उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने सवाल किया है कि मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदीशाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?

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