मध्य प्रदेश के डीजीपी वी.के. सिंह ने एक शर्मनाक और विवादित बयान देकर अपने पुलिस डिपार्टमेंट की नाकामी को छुपाने की कोशिश की है. उनका कहना है कि राज्य में अपहरण के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि लड़कियों को ज़्यादा आज़ादी मिल गयी है. उनके हिसाब से लड़कियां खुद घर से चली जाती है और घरवाले अपहरण की रिपोर्ट लिखा देते हैं. इसी कारण राज्य में अपहरण के मामले तेज़ी से बढ़ते दिख रहे हैं.
दरअसल, डीजीपी वी.के. सिंह मीडिया से मध्य प्रदेश में बढ़ते अपहरणों को लेकर बात कर रहे थे. उन्होनें कहा, “एक नया ट्रेंड IPC 363 के रूप में दिख रहा है. लडकियां स्वतंत्र ज़्यादा हो रही हैं, आज के समय में लड़कियों की बढ़ती स्वतंत्रता एक तथ्य है. ऐसे केसेस में (अपहरण) इनक्रीस हुआ है जिसमें वो घर से चली जाती हैं और रिपोर्ट होती है किडनेपिंग की.”
#WATCH MP DGP,VK Singh,"Ek naya trend IPC 363 ke roop mein dikha hai. Ladkiyaan swatantra zada ho rahi hain,aaj ke samaj mein ladkiyon ki badhti swatantrata ek tathya hai.Aise cases mein increase hua hai jismein wo ghar se chali jati hain aur report hoti hai kidnapping ki" (4Jul) pic.twitter.com/M42uCRquM1
— ANI (@ANI) July 7, 2019
आपको बता दें कि IPC 363 अपहरण की सज़ा तय करता है. इसके हिसाब से अपराधी को सात साल की सज़ा के साथ-साथ फाइन भी भरना पड़ सकता है. लेकिन मध्य प्रदेश के डीजीपी के हिसाब से तो इसकी सज़ा लड़कियों को मिलनी चाहिए.यानी उनको घर में बंद होना चाहिए. मध्य प्रदेश में साल 2016 से 6 हज़ार से ज़्यादा अपहरण के मामले सामने आ चुके हैं.
पिछले महीने भोपाल में एक 8 साल की लकड़ी अपने घर से 8 बजे के करीब कुछ सामान ख़रीदने के लिए निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी. बाद में लड़की की लाश मिली और पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट के मुताबिक उसका रेप करने के बाद उसको गला घोंट कर मार दिया गया.
हाँ, ऐसा भी देखा जाता है कि अगर लड़की किसी लड़के के साथ चली जाती है तो उसके घरवाले अपहरण की रिपोर्ट लिखा देते हैं. लेकिन कुछ मामलों के कारण सभी अपहरण के मामलों को एक तरह से नहीं आंका जा सकता. पुलिस का काम अपहरण के बढ़ते मामलों को लड़कियों कि आज़ादी से जोड़ने के बजाए, ग़ायब/अपहरण हुई लड़कियों को ढूंढना है.
जांच करने के बजाए पुलिस अगर सब मामलों का इलज़ाम लड़कियों पर लगा देगी तो कैसे चलेगा? आखिर किसी डीजीपी और पुलिसवालों का काम मोरल पोलिसिंग करना है, या फिर अपराध को नियंत्रण में रखना?