CAG की रिपोर्ट आई है। इसमें बताया गया है कि मोदी सरकार के 19 मंत्रालयों और उनसे जुड़ी संस्थाओं की नियमों की लापरवाही, अनियमितताओं की वजह से देश के ख़ज़ाने को सालभर में 1179 करोड़ रूपये की चपत लगी है।
ये इतनी बड़ी रक़म है जिससे कई ग़रीब की ज़िंदगियाँ संवर जाएँ… कई बेघरों को घर मिल जाए… अरबों की ये रक़म बर्बाद कर दी गई। वो भी महज़ 1 साल में।
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नियंत्रण और महालेखा परीक्षक यानी कैग ने मोदी सरकार के 47 मंत्रालयों की ऑडिट की थी जिसमें 19 मंत्रालयों में गड़बड़ी पाई गई। इन 19 मंत्रालयों में गड़बड़ी के 78 मामले पकड़े गए हैं। संसद में अप्रैल 2018 को पेश कैग रिपोर्ट बताती है कि, ये गड़बड़ी मार्च 2017 तक के दस्तावेज़ों की छानबीन में सामने आई है।
बेवजह ख़र्च कर रहे हैं सरकारी मंत्रालय-
रिपोर्ट कहती है कि सरकार के मंत्रालयों में कुल सकल ख़र्च 38 फ़ीसदी से ज़्यादा बढ़ गए हैं। कृषि मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एमएचआरडी में 18.87 करोड़ के बिना मतलब ख़र्च को भी कैग की रिपोर्ट ने पकड़ा है।
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जिन मंत्रालयों में है गड़बड़ी-
- विदेश मंत्रालय
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय
- सांस्कृति मंत्रालय
- गृह मंत्रालय
- मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
- उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
- कृषि मंत्रालय
विभाग, जो गड़बड़ी में शामिल-
दिल्ली पुलिस, आईआईटी मुम्बई, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूट्रीशियन
ये ख़ामियाँ मिली-
परियोजनाओं और उनके बजट इंतज़ाम में लापरवाही, बेलगाम बजट ख़र्च, स्टाफ़ को अनियमित भुगतान, बक़ाया की वसूली न करना वग़ैरह शामिल हैं।