PulwamaEncounter : भारत प्रशासित कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के चरमपंथियों और भारतीय सेना के बीच मुठभेड़ जारी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार तड़के से पुलावामां के पिंगलेना जारी इस मुठभेड़ में सेना ने 4 जवान और 2 चरमपंथी मारे गए हैं।

मारे गए चरमपंथियों में से एक को पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल राशिद गाज़ी बताया जा रहा है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। वहीं मुठभेड़ में एक मेजर समेत जिन 4 जावनों की मौत हुई है वह 55 राष्ट्रीय राइफल के थे। मुठभेड़ अभी जारी है...

एक तरफ जवान अपनी जान देकर चरमपंथियों का मुकाबला कर रहे हैं, दूसरी तरफ सत्ताधारी बीजेपी से जुड़े लोग इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दे रहे हैं।

पुलवामा हमले पर बोले सिद्दू- जब एक ‘नेता’ के लिए पूरा शहर बंद हो सकता है तो ‘सेना’ के लिए क्यों नहीं

जैसे ही मीडिया में ये खबर आयी कि जवानों ने दो चरमपंथियों को मार गिराया, बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया ‘ये नया इंडिया है, ये घर में घुसेगा भी और मारेगा भी, धन्यवाद पीएम मोदी’

अब यहां ये बात समझ से बाहर है कि सिर्फ पीएम मोदी को धन्यवाद क्यों दिया गया? जवानों को क्यों नहीं? क्या पीएम मोदी ने उन दो चरमपंथियों का एनकाउंटर किया? हां, पीएम मोदी ने एनकाउंटर का आदेश जरूर दिया होगा। लेकिन आदेश के लिए जान तो जवानों ने दिया।

अगर पीएम मोदी को 2 चरमपंथियों के एनकाउंटर का श्रेय दिया जा रहा है, तो चार जवानों की मौत का श्रेय क्यों नहीं? जवानों की बहादुरी का श्रेय पीएम मोदी को देकर अमित मालवीय ने साबित किया है कि बीजेपी जवानों की मौत का भी राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है।

पुलवामा में फिर 4 जवान हुए शहीद, पत्रकार बोले- उधर ‘शहादत’ जारी है इधर ‘भाषण’ जारी है

पत्रकार रोहिणी सिंह ने अमित मालवीय की ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है ‘पर आतंकी तो हमारे घर में थे। 4 जवानों की शहादत हो गयी, 40 पहले शहीद हो गए ख़ुफ़िया रिपोर्ट होने के बाद भी लेकिन क्रेडिट सिर्फ़ मोदी जी को देंगे। सेना का कुछ योगदान ही नहीं था मालवीय जी के अनुसार।’

अमित मालवीय को दिए इस जवाब पर एक ट्वीटर यूजर ने लिखा ‘बेवकूफ मेडम सेना को छूट तो सरकार ही देती है न’

इस ट्वीटर यूजर को जवाब देते हुए रोहिणी सिंह ने लिखा ‘तो Pathankot या Uri के बाद छूट क्यूँ नहीं दी। क्यूँ इंतज़ार करा की 40 और शहीद हो जाएँ ख़ुफ़िया रिपोर्ट होने के बावजूद? मालवीय जी की चापलूसी करना बंद करिए। उससे बड़ी बेवक़ूफ़ी और नहीं हो सकती’

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