नागरिकता संशोधन कानून भले ही दोनों सदनों से पास हो गया हो, लेकिन देश की लगभग सभी विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में खड़ी हैं। अब वंचित बहुजन अघाड़ी ने भी इसके ख़िलाफ़ मुंबई में प्रदर्शन किया।
ये प्रदर्शन अघाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में किया गया। अघाड़ी कार्यकर्ता मध्य मुंबई के दादरी टीटी सर्किल पर इकट्ठा हुए और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में जमकर नारे लगाए। इस दौरान प्रकाश अंबेडकर ने इस कानून के कुप्रभावों के बारे में भी बताया।
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उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएए और एनआरसी से सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि देश की कम से कम 40 प्रतिशत हिन्दू आबादी भी प्रभावित होगी और उसके कुप्रभावों को अभी भी ठीक से समझा नहीं गया है। सीएए और एनआरसी से सबसे ज्यादा प्रभावित आदिवासी, वंचित जाति और घूमंतू जनजातियां होंगी।
प्रकाश आंबेडकर ने कानून पर विवाद को हिंदू बनाम मुसलमान की लड़ाई करार दिए जाने पर कहा, “यह झगड़ा हिन्दू-मुस्लिम का नहीं है। यह आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की नागरिकता बनाम संवैधानिक नागरिकता की लड़ाई है”।
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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि ये कानून धर्म पर आधारित है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। बता दें कि CAA में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण देश में शरण लेने आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। जबकि मुसलमानों को इससे वंचित रखा गया है।