भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों का सवाल उठाया तो न्यूज एंकर रुबिका लियाकत को बुरा लग गया.

सवाल तो केंद्र सरकार और भाजपा से पूछा गया. पूछने वाला भाजपा का ही सांसद हैं लेकिन इसके जवाब में रुबिका लियाकत क्यों उतर आईं, ये सोचने वाली बात है…

देश इस वक्त बड़ी ही विचित्र परिस्थितियों से गुजर रहा है. एक ओर देश और देशवासियों लगातार त्रासदियों का सामना कर रहे हैं,

दूसरी तरफ जिनके उपर देश को संकट से बचाने और उसके समाधान का दायित्व है, वो पूर्ण रुप से चुनावजीवी बन गए हैं. चुनाव प्रचार करना और भाषण देना ही उनका एकमेव कर्तव्य समझ में आता है.

जहां कुछ अच्छा तो अपने नाम की वाहवाही और जहां फेल हुए वहां पर पिछली सरकारों को कोसने के अलावा सरकार की कोई जवाबदेही समझ में नहीं आती.

जो देशभक्त है, जिसके अंदर देश के प्रति प्रेम है, जिसे अपने देश के लोगों के प्रति दर्द है, वह उनकी कठिन परिस्थितियों को लेकर सरकार को घेरेगा.

वरुण गांधी भले ही भाजपा के सांसद हैं लेकिन वह एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं.

यूक्रेन में जिस तरह से भारतीय फंसे हुए हैं. गोदी मीडिया जिस तरह से भारतीयों की परेशानियों की जगह भाजपा सरकार की वाहवाही में जुटा हुआ है, उससे दुखी होकर वरुण गांधी ने सवाल उठा दिया.

वरुण गांधी ने साफ तौर पर कहा कि सही समय पर सही फैसला नहीं लिए जाने की वजह से हमारे देश के 15 हजार से ज्यादा बच्चे भारी अव्यवस्था के बीच युद्धभूमि में फंसे हुए हैं.

ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है. हर आपदा में अवसर नहीं खोजना चाहिए.

अब वरुण गांधी का यह ट्वीट पत्रकार रुबिका लियाकत को बुरा लग गया. रुबिका ने वरुण के ट्वीट के जवाब में कहा कि हर आपदा में अवसर नहीं खोजना चाहिए वरुण जी !

रुबिका का इस तरह से भाजपा के समर्थन में वरुण पर हमला करना यह बताता है कि उनकी पत्रकारिता का स्तर क्या है !

इस पर जाने माने लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि यह इस सदी की सबसे अद्भुत कहानी है. जहां पर सत्तारुढ़ पार्टी का सांसद सरकार से सवाल कर रहा है और दुख एक पत्रकार को पहुंच रहा है.

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