जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे घोषित होने वाले है। मगर उससे पहले आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने जमकर हंगामा काटा और तोड़फोड़ की।

बताया जा रहा है कि एबीवीपी के छात्रों ने सुबह करीब चार बजे इलेक्शन कमिश्नर पर धावा बोल दिया और बूथ कैपचरिंग की कोशिश की, जिसमें एक सुरक्षा में तैनात गार्ड को चोट भी आई हैं। इस दौरान एबीवीपी के छात्रों ने एक पत्रकार से भी बदसलूकी की।

एबीवीपी छात्रों की इस गुंडागर्दी को लेकर आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा कि यहां भी इन संघ समर्थित ABVP का दंगाई खेल चालू है, यह लोकतांत्रिक तरीकों से नहीं बल्कि हिंसक, गोड़से के तरीकों से चुनाव जीतने में विश्वास रखते हैं।

कल डीयू था, आज जेएनयू है, कल देश का चुनाव होगा। इन भाजपाईयों की गुंडई जारी रहेगी। सत्ता के दम पर यह लोकतंत्र का दमन करेंगे।

दरअसल जेएनयू में एबीवीपी छात्रों की नाराजगी थी कि उसके प्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया जबकि इलेक्शन कमीशन की तरफ से कहा गया कि उन्होंने बुलाया गया था लेकिन वह समय पर नहीं पहुंच सके।

कमीशन का आरोप है कि एक अध्यक्ष और जॉइंट सिकरेट्री पद के प्रत्याशी ने चुनाव समिति के साथ मारपीट की, चुनाव समिति की महिला सदस्यों के साथ मारपीट भी की गई।

इस हिंसा से जेएनयू छात्रसंघ इलेक्शन कमीशन ने काउंटिंग रोक दी है। छात्रों ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ने एबीवीपी के लोगों को तीन बार बुलाया मगर कोई गया नहीं जिसके बाद गुस्साए एबीवीपी छात्रों ने इलेक्शन कमीशन के लोगों के साथ हाथापाई की।

इस हाथापाई के बाद कमीशन ने अनिश्चितकालीन वक़्त के लिए काउंटिंग रोक दी। उनका कहना है कि जब तक एबीवीपी के लोग अपनी हरकत जारी रखेंगें काउंटिंग नहीं शुरू की जाएगी।

वहीँ एबीवीपी का कहना है कि जेएनयूएसयू इलेक्शन में पहले राउंड काउंटिंग (साइंस स्कूल और अन्य स्पेशल सेन्टर) शुरू होने के समय एबीवीपी के काउंटिंग एजेंट को बुलाए बिना चुनाव समिति के सदस्यों ने लेफ्ट के कार्यकर्ताओं के साथ काउंटिंग शुरू कर दिया है।

छात्रों का कहना है कि चुनाव समिति के मेंबर्स और लेफ्ट दोनों मिलकर साजिश और धांधली कर रहे हैं।

बता दें कि बीते शुक्रवार जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के चार अहम पदों के लिए शुक्रवार को वोटिंग हुई थी। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पदों के लिए हुए इस चुनाव में 68 फीसदी वोटिंग हुई थी।

जिसके नतीजे 16 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव में एबीवीपी, बापसा, एनएसयूआई, संयुक्त वाम मोर्चा, छात्र राजद और सवर्ण मोर्चा ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था।

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