केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल को लोकसभा में पास करने के बाद राज्यसभा में इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ।
विपक्षी नेताओं द्वारा इस कृषि बिल को किसान विरोधी करार दिया गया है। गौरतलब है कि इस बिल के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
आपको बता दें कि राज्यसभा में कृषि मंत्री द्वारा इस बिल को पेश किए जाने के बाद कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस कृषि बिल को ऐतिहासिक करार दिया।
उन्होंने कहा कि ये कृषि बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। कृषि मंत्री के बयान के बीच विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने उपसभापति की माइक भी तोड़ दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में कृषि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामे के साथ उपसभापति के अमर्यादित तरीके से पेश आने के चलते आठ सांसदों को बचे हुए सत्र के लिए सभापति वेंकैया नायडू द्वारा निलंबित कर दिया है।
निलंबित होने वाले सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, रिपुन बोरा, नजीर हुसैन, केके रागेश, ए करीम, राजीव साटव और डोला सेन हैं। सभापति वेंकैया नायडू द्वारा उठाए गए इस कदम से पूरा विपक्ष भड़क गया है।
आम आदमी पार्टी के सांसद और नेता भगवंत मान ने इस मामले में मोदी सरकार को घेरा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा- “अगर सांसद सरकार से संसद में सवाल नहीं पूछ सकते…सरकार की कोई आलोचना नहीं कर सकते और किसी बिल पर वोटिंग नहीं कर सकते. तो Tata ग्रुप से 890 करोड़ में नई संसद बनवाने का क्या फायदा?? “आत्म निर्भर” लोकतंत्र “आत्म हत्या” पर मजबूर है”
अगर सांसद सरकार से संसद में सवाल नहीं पूछ सकते…सरकार की कोई आलोचना नहीं कर सकते और किसी बिल पर वोटिंग नहीं कर सकते..तो Tata ग्रुप से 890 करोड़ में नई संसद बनवाने का क्या फायदा??
"आत्म निर्भर" लोकतंत्र "आत्म हत्या" पर मजबूर है…— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 21, 2020